मेरे भारत के आगे दुनिया में कोई देश नहीं है यहाँ घर में देखो शान से तिरंगा ही लहरता है मेरे भारत के आगे दुनिया में कोई देश नहीं है यहाँ घर में देखो शान से तिरंगा ही...
मैं रहती हूँ जिस देश में , है उसका नाम भारत , मैं रहती हूँ जिस देश में , है उसका नाम भारत ,
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...
बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की,किसी गडरिये के होठो... बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की...
ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है। ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है।
मित्र मेरे ! मित्र मेरे !